होली
यहाँ तक आनेवाली हर रस्ते को सलाम, साथ निभाने वाली हर दस्ते को सलाम ! ये साक़ी तेरे मयख़ाने को सलाम, जाम से भरे हर पैमानें को सलाम ! जनम जनम से प्यासी है ये रिंदो की टोली, ये साक़ी अंगूर के रस में मिला के ला भाँग की गोली ! ख़ाली न जाये तेरे महफ़िल से कोई भी साक़ी, पिलाता रह जब तक एक क़तरा भी है बाक़ी ! नस नस में हो इक तहलका सा, कदम भी लड़खड़ाये हल्का सा! ग़म की बीती यादों को मारो गोली, मायूसी छोड़ो, जो हो ली सो हो ली !